CBSE Class 10 English Syllabus 2023-24
CBSE Class 10 English Syllabus 2023-24
Central Board of Secondary Education has given the syllabus for Class 10 2023-24. The revised syllabus has been given to students. The syllabus is divided into two terms; Term I and Term II. English Syllabus for Class 10 CBSE is.
CBSE Class 10 Syllabus |
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English Syllabus Class 10 CBSE 2023-24:
The English Syllabus for Class 10 CBSE covers a wide range of topics that aim to develop student’s language and communication skills. The syllabus includes prose, poetry, and drama, which are carefully selected to expose students to various forms of literature. Additionally, the syllabus focuses on enhancing students’ writing skills through the study of different types of writing, such as formal letters, reports, and essays. The syllabus also includes grammar, vocabulary, and comprehension exercises to help students improve their language proficiency. Overall, the English Syllabus for Class 10 CBSE is designed to provide students with a comprehensive understanding of the English language while also fostering their creativity and critical thinking skills.
English Term 1 Syllabus Class 10
TERM 1 |
READING
Multiple Choice Questions based on the following kinds of unseen passages to assess inference, evaluation, vocabulary, analysis, and interpretation:
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WRITING SKILL
1. Formal letter based on a given situation.
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GRAMMAR
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LITERATURE
Questions based on extracts/texts to assess interpretation, inference, and extrapolation beyond the text and across the texts. FIRST FLIGHT
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POEMS
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FOOTPRINTS WITHOUT FEET
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English Term 2 Syllabus Class 10
TERM2 |
READING
Question based on the following kinds of unseen passages to assess inference, evaluation, vocabulary, analysis and interpretation:
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WRITING SKILL
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GRAMMAR
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LITERATURE
Questions based on extracts / texts to assess interpretation, inference, extrapolation beyond the text and across the texts. FIRST FLIGHT
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POEMS
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FOOTPRINTS WITHOUT FEET
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Class 10 English Syllabus
The syllabus offers a preview of the chapters and the topics of which the students need to have a thorough understanding. It is the beginning of a journey of strategic preparation for the subject. Discussing the syllabus will help students understand the course easily. It specifies the grading and time limit for each section as well. It provides you with the details of how many marks are decided for each unit. So, students can plan accordingly to study the subject areas that are more important. Students can access the syllabus from the website of Extramarks.
Syllabus of English Class 10 CBSE Term Wise
The Central Board of Secondary Education, CBSE has released the rationalized syllabus for the English Language & Literature subject of Class 10th for the current academic session 2023-24. The board has released the term-wise syllabus based on which the board examinations will be conducted at the end of each term. English is one of the most scoring subjects to overall increase your percentage in Class 10th boards. The Class 10 English syllabus of the CBSE board is divided into two parts: Communicative English and Language and Literature. Students must go through the entire syllabus to learn more about the chapters and topics to be prepared this year. We have provided a section-wise weightage below:
SECTION | WEIGHTAGE (IN MARKS) |
READING | 10 |
WRITING & GRAMMAR | 10 |
LITERATURE | 20 |
TOTAL | 40 |
INTERNAL ASSESSMENT | 10 |
GRAND TOTAL | 50 |
By knowing the section-wise distribution of marks, a student gets the proper idea of the exam and can prepare by studying the CBSE important question.
दfवतीय भाषा के Ǿप मɅ Ǒहदȣ (कोड सं.–085)
क¢ा 9वीं – 10वीं (2023-24)
राç?ȣय पा6यचया[ कȧ Ǿपरेखा, नई fश¢ा नीfत 2020 तथा कɅ 5kय माÚयfमक fश¢ा बोड[ दवारा समय-समय
पर द¢ता आधाǐरत fश¢ा, कला समेfकत अfधगम, अनभवा×मक अfधगम को अपनाने कȧ Ĥेरणा दk गई ह,ै
जो fश¢ाfथय
ɉ कȧ Ĥfतभा को उजागर करने, खेल-खेल मɅ सीखने पर बल देने, आनदपण
[ ¾ानाजन और
fवदयाजन
के fवfवध तरkकɉ को अपनाने तथा अनभ
व के दवारा सीखने पर बल देती है।
योÊयता या द¢ता आधाGरत िश¢ा से ता×पय[ है- सीखने और मǐयाकं न करने का एक ऐसा 7िçटकोण, जो
fश¢ाथȸ के सीखने के Ĥfतफल और fवषय मɅ fवशष द¢ता को ĤाÜत करने पर बल दते ा ह।ै योÊयता वह
¢मता, कौशल, ¾ान और 7िçटकोण है, जो åयिRत को वाèतfवक जीवन मɅ काय[ करने मɅ सहायता करता है। इससे fश¢ाथȸ यह सीख सकते हɇ fक ¾ान और कौशल को fकस Ĥकार ĤाÜत fकया जाए तथा उǎहɅ
वाèतfवक जीवन कȧ समèयाओं पर कै से लागू fकया जाए। Ĥ×येक fवषय, Ĥ×येक पाठ को जीवनोपयोगी
बनाकर Ĥयोग मɅ लाना हk द¢ता आधाǐरत fश¢ा है। इसके fलए उǔच èतरkय fचत देने कȧ आव9यकता है।
न कौशल पर fवशष बल
कला समेͩकत अिधगम को fश¢ण-अfधगम ĤfĐया मɅ सfु नि9चत करना अ×यfधक आव9यक है। कला क
ससार मɅ कǐपना कȧ एक अलग हk उड़ान होती है। कला एक åयिRत कȧ रचना×मक अfभåयिRत है। कला
समेfकत अfधगम से ता×पय[ है- कला के fवfवध Ǿपɉ सगीत, न×ृ य, नाटक, कfवता, रगं शाला, याğा,
मfू तक
ला, आभष
ण बनाना, गीत fलखना, नR
कड़ नाटक, कोलाज, पोèटर, कला Ĥदशन
ी को fश¢ण अfधगम
कȧ ĤfĐया का अfभǎन fहèसा बनाना। fकसी fवषय को आरंभ करने के fलए आइस Ħेfकं ग गfतfवfध क
Ǿप मɅ तथा सामज
èयपण
[ समझ पद
ा करने के fलए अत
रfवषयक या बहुfवषयक पǐरयोजनाओं के Ǿप मɅ
कला समेfकत अfधगम का Ĥयोग fकया जाना चाfहए। इससे पाठ अfधक रोचक एवं Ēा5य हो जाएगा।
अनभ
वा×मक अिधगम या आनभ
fवक £ानाजन
का उददे9य शfै ¢क वातावरण को fश¢ाथȸ कɅ f5त बनाने क
साथ-साथ èवयं मǐ
यांकन करने, आलोचना×मक Ǿप से सोचने, fनणय
लेने तथा ¾ान का fनमा[ण कर उसमɅ
पारंगत होने से है। यहाँ fश¢क कȧ भfू मका मागदशक
कȧ रहती है। ¾ानाजन
-अनभ
व सहयोगा×मक अथवा
èवतंğ होता है और यह छाğɉ को एक साथ काय[ करने तथा èवयं के अनभ
यह fसदधांत और åयवहार के बीच कȧ दरू k को कम करता है।
व दवारा सीखने पर बल देता है।
भारत एक बहुभाषी देश है िजसमɅ बहुत सी ¢ेğीय भाषाएँ रची बसी हɇ। भाfषक और सांèकृ fतक
7िçट से fभǎन होने के बावजूद भारतीय परंपरा मɅ बहुत कु छ ऐसा है जो एक दसरे को जोड़ता है।
यहk कारण है fक मातभाषा के Ǿप मɅ अलग भाषा को पढ़ने वाला fवदयाथȸ जब दसरk भाषा क
Ǿप मɅ fहदk का चुनाव करता है तो उसके पास अfभåयिRत का एक 7ढ़ आधार पहलk भाषा के Ǿप
मɅ पहले से हk मौजूद होता है। इसfलए छठȤ से आठवीं क¢ा मɅ सीखी हुई fहदk का fवकास भी वह
तेजी से करने लगता है। आठवीं क¢ा तक वह fहदk भाषा मɅ सुनने, पढ़ने, fलखने और कु छ-कु छ
बोलने का अ8यास कर चुका होता है। fहदk कȧ बाल पfğकाएँ और fछटपुट रचनाएँ पढ़ना भी अब
उसे आ गया है। इसfलए जब वह नवीं एवं दसवीं क¢ा मɅ fहदk पढ़गे ा तो जहाँ एक ओर fहदk
भाषा के माÚयम से सारे देश से जुड़गा वहkं दसरk ओर अपने ¢ेğ और पǐरवेश को fहदk भाषा क
माÚयम से जानने कȧ कोfशश भी करेगा, Rयɉfक fकशोरवय के इन बǔचɉ के मानfसक धरातल का fवकास fव9व èतर तक पहुँच चुका होता है।
िश¢ण उददे9य
- दैfनक जीवन मɅ fहदk मɅ समझने-बोलने के साथ-साथ fलखने कȧ ¢मता का fवकास करना।
- fहदk के fकशोर-साfह×य, अखबार व पfğकाओं को पढ़कर समझ पाना और उसका आनंद उठान
कȧ ¢मता का fवकास करना।
- औपचाǐरक fवषयɉ और संदभfi मɅ बातचीत मɅ भाग ले पाने कȧ ¢मता का fवकास करना।
- fहदk के ज़ǐरए अपने अनुभव संसार को fलखकर सहज अfभåयिRत कर पाने मɅ स¢म बनाना।
- संचार के fवfभǎन माÚयमɉ (fĤट और इलेRĚॉfनक) मɅ ĤयुRत fहदk के fवfभǎन Ǿपɉ को
समझने कȧ योÊयता का fवकास करना।
- क¢ा मɅ बहुभाfषक, बहुसांèकृfतक संदभfi के Ĥfत संवेदनशील सकारा×मक सोच बनाना।
- अपनी मातभाषा और पǐरवेशगत भाषा को साथ रखकर fहदk कȧ संरचनाओं कȧ समझ बनाना।
- सामािजक मुददɉ पर समझ बनाना| (जाfत, fलग तथा आfथक fवषमता)
- कfवता, कहानी तथा घटनाओं को रोचक ढंग से fलखना ।
- भाषा एवं साfह×य को समझने एवं आ×मसात करने कȧ द¢ता का fवकास।
िश¢ण युि4याँ
- दfवतीय भाषा के Ǿप मɅ पढ़ाई जा रहk fहदk भाषा का èतर पढ़ने और पढ़ाने दोनɉ हk 7िçटयɉ
से मातभाषा सीखने कȧ तुलना मɅ कु छ मंथर गfत से चलेगा। वह गfत धीरे-धीरे बढ़ सके ,
इसके fलए fहदk अÚयापकɉ को बड़े धीरज से अपने अÚयापन कायĐमɉ को fनयोिजत करना
होगा। fकसी भी दfवतीय भाषा मɅ fनपुणता ĤाÜत करने-कराने का एक हk उपाय है-उस भाषा का लगातार रोचक अ8यास करना-कराना। ये अ8यास िजतने अfधक रोचक, सfĐय एवं
Ĥासंfगक हɉगे fवदयाfथयɉ कȧ भाfषक उपलिÞध भी उतनी हk तेज़ी से हो सके गी। मुखर भाfषक
अ8यास के fलए वाता[लाप, रोचक कहानी सुनना-सुनाना, घटना-वणन, fचğ-वणन, संवाद, वाद-
fववाद, अfभनय, भाषण Ĥfतयोfगताए, कfवता पाठ और अ×या¢रk जैसी गfतfवfधयɉ का सहारा fलया जा सकता है।
- काåय भाषा के मम[ से fवदयाथȸ का पǐरचय कराने के fलए ज़Ǿरk होगा fक fकताबɉ मɅ आए काåयांशɉ कȧ लयबदध Ĥèतुfतयɉ के ऑfडयो-वीfडयो कै सेट तैयार fकए जाएँ। अगर आसानी से कोई गायक/गाfयका fमले तो क¢ा मɅ मÚयकालkन साfह×य के अÚयापन-fश¢ण मɅ उससे मदद लk जानी चाfहए।
- रा.प
.और Ĥ
.अ.शै.,(एनदवारा उपलÞध
(.टk.आर.ई.सी.
कराए गए अfधगम Ĥfतफल
-सीखने/
fसखाने कȧ ĤfĐया जो इस पाɫयचया[ के साथ संलÊनक के Ǿप मɅ उपलÞध है, को fश¢क दवारा ¢मता आधाǐरत fश¢ा का लāय ĤाÜत करने के fलये अfनवाय[ Ǿप से इèतेमाल करन कȧ आव9यकता है।
- मानव संसाधन fवकास मंğालय के fवfभǎन संगठनɉ तथा èवतंğ fनमा[ताओं दवारा उपलÞध
कराए गए अǎय कायĐ
म/ई-सामĒी/ वƣ
fचğɉ और fसनेमा को fश¢ण-सामĒी के तौर पर
इèतेमाल करने कȧ ज़Ǿरत है। इनके Ĥदशन के Đम मɅ इन पर लगातार बातचीत के ज़ǐरए
fसनेमा के माÚयम से भाषा के Ĥयोग कȧ fवfशçटता कȧ पहचान कराई जा सकती है और fहदk कȧ अलग-अलग छटा fदखाई जा सकती है।
- क¢ा मɅ fसफ़[ एक पाɫयपुèतक कȧ उपिèथfत से बेहतर होगा fक fश¢क के हाथ मɅ तरह-तरह कȧ पाɫयसामĒी को fवदयाथȸ देखɅ और क¢ा मɅ अलग-अलग मौकɉ पर fश¢क उनका इèतेमाल कर सकɅ ।
- भाषा लगातार Ēहण करने कȧ fĐया मɅ बनती है, इसे Ĥदfशत करने का एक तरkका यह भी है
fक fश¢क खुद यह fसखा सकɅ fक वे भी शÞदकोश, साfह×यकोश, संदभĒंथ कȧ लगातार मदद
ले रहे हɇ। इससे fवदयाfथयɉ मɅ इनके इèतेमाल करने को लेकर त×परता बढ़गे ी। अनुमान क
आधार पर fनकटतम अथ[ तक पहुँचकर संतुçट होने कȧ जगह वे सटkक अथ[ कȧ खोज करने क
fलए Ĥेǐरत हɉगे। इससे शÞदɉ कȧ अलग-अलग रंगत का पता चलेगा, वे शÞदɉ के बारkक अतर के Ĥfत और सजग हो पाएँगे।
- fभǎन ¢मता वाले fवदयाfथयɉ के fलए उपयुRत fश¢ण-सामĒी का इèतेमाल fकया जाए तथा
fकसी भी Ĥकार से उǎहɅ अǎय fवदयाfथयɉ से कमतर या अलग न समझा जाए।
- क¢ा मɅ अÚयापन को हर Ĥकार कȧ fवfवधताओं (fलग, धम[, जाfत, वग[ आfद) के Ĥfत
सकारा×मक और संवेदनशील वातावरण fनfमत करना चाfहए।
Įवण (सुनने) और वाचन (बोलने) कȧ योÊयताए
- Ĥवाह के साथ बोलk जाती हुई fहदk को अथब
ोध के साथ समझना।
- fहदk शÞदɉ का ठȤक उǔचारण करना तथा fहदk के èवाभाfवक अनुतान का Ĥयोग करना।
- सामाǎय fवषयɉ पर बातचीत करना और पǐरचचा[ मɅ भाग लेना।
- fहदk कfवताओं को उfचत लय, आरोह-अवरोह और भाव के साथ पढ़ना।
- सरल fवषयɉ पर कुछ तैयारk के साथ दो-चार fमनट का भाषण देना।
- fहद
- fहद
k मɅ èवागत करना, पǐरचय और धǎयवाद देना। k अfभनय मɅ भाग लेना।
Įवण तथा वाचन परȣ¢ा हेतु Ǒदशा-िनदˇश
- Įवण (सुनना) (2.5 अक): वfणत या पfठत सामĒी को सुनकर अथĒहण करना, वाता[लाप
करना, वाद-fववाद, भाषण, कfवतापाठ आfद को सुनकर समझना, मूǐयांकन करना और अfभåयिRत के ढंग को समझना।
- वाचन (बोलना) (2.5 अक): भाषण, सèवर कfवता-पाठ, वाता[लाप और उसकȧ औपचाǐरकता,
कायĐम-Ĥèतुfत, कथा-कहानी अथवा घटना सुनाना, पǐरचय दने ा, भावानुकू ल संवाद-वाचन।
Įवण (सुनना) एवं वाचन (बोलना) कौशल का मूsयांकन:
- परk¢क fकसी Ĥासंfगक fवषय पर एक अनुǔछे द का èपçट वाचन करेगा। अनुǔछे द तáया×मक या सुझावा×मक हो सकता है। अनुǔछे द लगभग 120 शÞदɉ का होना चाfहए।
या
- परk¢क 1-1.5 fमनट का Įåय अश (ऑfडयो िRलप) सुनवाएगा। अश रोचक होना चाfहए।
कáय/ घटना पूण[ एवं èपçट होनी चाfहए। वाचक का उǔचारण शुदध, èपçट एवं fवराम fच5नɉ के उfचत Ĥयोग सfहत होना चाfहए।
- परk¢ाथȸ Úयानपवूक परk¢क/ऑfडयो िRलप को सुनने के प9चात परk¢क दवारा प
े गए
Ĥ9नɉ का अपनी समझ से मौfखक उƣर दɅगे।
कौशलɉ के अतरण का मूsयांकन
(इस बात का fन9चय करना fक Rया fवदयाथȸ मɅ Įवण और वाचन कȧ fनdनfलfखत योÊयताएँ हɇ)
Įवण (सुनना) | वाचन (बोलना) | ||
1 | पǐरfचत संदभfi मɅ ĤयुRत शÞदɉ और पदɉ को समझने कȧ सामाǎय योÊयता है। | 1 | के वल अलग-अलग शÞदɉ और पदɉ के Ĥयोग कȧ योÊयता Ĥदfशत[ करता है। |
2 | छोटे सुसंबदध कथनɉ को पǐरfचत संदभfi मɅ समझने कȧ योÊयता है। | 2 | पǐरfचत संदभfi मɅ शुदधता से के वल छोटे संबदध कथनɉ का सीfमत Ĥयोग करता है। |
3 | पǐरfचत या अपǐरfचत दोनɉ संदभfi मɅ कfथत सूचना को èपçट समझने कȧ योÊयता है। | 3 | अपे¢ाकृ त दkघ[ भाषण मɅ जfटल कथनɉ के Ĥयोग कȧ योÊयता Ĥदfश[त करता है। |
4 | दkघ[ कथनɉ को पयाÜ[ त शदु धता से समझता है और fनçकष[ fनकाल सकता है। | 4 | अपǐरfचत िèथfतयɉ मɅ fवचारɉ को ताfक[ क ढंग से संगfठत कर धारा-Ĥवाह Ǿप मɅ Ĥèतुत करता है। |
5 | जfटल कथनɉ के fवचार-fबदं ओु ं को समझने कȧ योÊयता Ĥदfशत[ करने कȧ ¢मता है। | 5 | उददे9य और Įोता के fलए उपयुRत शैलk को अपना सकता है। |
Įवण-वाचन कौशल एवं पGरयोजना काय[ का मूsयांकन fवदयालय èतर पर आंतGरक परȣ¢क दवारा हȣ ͩकया जाएगा।
पठन कौशल
पढ़ने कȧ योÊयताए
- fहद
k मɅ कहानी, fनबंध, याğा-वणन
, जीवनी, पğ, डायरk आfद को अथब
ोध के साथ
पढ़ना।
- पाɫयवèतुके संबंध मɅ fवचार करना और अपना मत åयRत करना।
- संदभ[ साfह×य को पढ़कर अपने काम के लायक स ना एकğ करना।
- पfठत सामĒी के fवfभǎन अशɉ का परèपर संबंध समझना।
- पfठत वèतुका सारांश तयार करना।
- भाषा, fवचार एवं शैलk कȧ सराहना करना।
- साfह×य के Ĥfत अfभVfच का fवकास करना।
िलखने कȧ योÊयताएँ
- fलखते हुए åयाकरण-सdमत भाषा का Ĥयोग करना।
- fहदk के पǐरfचत और अपǐरfचत शÞदɉ कȧ सहk वतन
ी fलखना।
- fवराम fच5नɉ का समुfचत Ĥयोग करना।
- लेखन के fलए सfĐय (åयवहारोपयोगी) शÞद भंडार कȧ वद
fध करना।
- Ĥभावपूण[ भाषा तथा लेखन-शैलk का èवाभाfवक Ǿप से Ĥयोग करना।
- उपयुRत अनुǔछे दɉ मɅ बाँटकर fलखना।
- Ĥाथना पğ, fनमंğण पğ, बधाई पğ, संवेदना पğ, आदशे पğ, ईमेल,
एस.एम.एस आfद fलखना और fवfवध Ĥपğɉ को भरना।
- fवfवध İोतɉ से आव9यक सामĒी एकğ कर एक अभीçट fवषय पर अनुछे द fलखना।
- देखी हुई घटनाओं का वणन
करना और उन पर अपनी ĤfतfĐया Ĥकट करना।
- पढ़k हुई कहानी को संवाद मɅ तथा संवाद को कहानी मɅ पǐरवfतत
- समारोह और गोिçठयɉ कȧ सूचना और Ĥfतवेदन तैयार करना।
करना।
- fलखने मɅ सजना×मकता लाना।
- अनाव9यक काट-छाँट से बचते हुए सुपाɫय लेखन काय[ करना
- दो fभǎन पाठɉ कȧ पाɫयवèतुपर fचतन करके उनके मÚय कȧ संबदधता (अत
सबंधɉ)
अनū
छे द लख
पर अपने fवचार अfभåयRत करने मɅ स¢म होना।
- रटे-रटाए वाRयɉ के èथान पर अfभåयिRतपरक/ िèथfत आधाǐरत/ उǔच fचत वाले Ĥ9नɉ पर सहजता से अपने मौfलक fवचार Ĥकट करना।
रचना×मक अिभūयिÈत
न
न ¢मता
- पण
ता – सब
fं धत fवषय के सभी प¢ɉ को अनǔ
छे द के सीfमत आकार मɅ सय
ोिजत करना।
- Đमबदधता– fवचारɉ को Đमबदध एवं तक[ सगत fवfध से Ĥकट करना।
- fवषय–कɅ Ǒदत – Ĥारंभ से अत
तक अनǔ
छे द का एक सğ
मɅ ब
ा होना।
- सामािसकता – अनाव9यक fवèतार न देकर सीfमत शÞदɉ मɅ यथासभ कहने का Ĥयास करना।
व fवषय संबदध पर
k बात
पğ लेखन
- अनौपचाǐरक पğ fवचार-fवमश[ का ज़ǐरया िजनमɅ मैğीपूण[ भावना fनfहत, सरलता, संf¢Üत और सादगी के साथ लेखन शैलk।
- औपचाǐरक पğɉ दवारा दैनंfदनी जीवन कȧ fवfभǎन िèथfतयɉ मɅ काय, åयापार, संवाद,
परामश, अनुरोध तथा सुझाव के fलए Ĥभावी एवं èपçट संĤेषण ¢मता का fवकास।
- सरल और बोलचाल कȧ भाषा शैलk, उपयुRत, सटkक शÞदɉ के Ĥयोग, सीधे-सादे ढंग स èपçटऔर Ĥ×य¢ बात कȧ Ĥèतfु त।
- ĤाǾप कȧ आव9यक औपचाǐरकताओं के साथ सè
पçट, सल
झे और Đमबदध fवचार आव9यक;
तáय, सfं ¢Üतता और सपण
ता के साथ Ĥभावी Ĥèतfु त।
fव£ापन लखन
/ fव£ाfपत वèत)ु fवषय को कɅ द मɅ रखते हुए(
- fव¾ाfपतवèतु के fवfशçट गणɉ का उǐलख
- आकषक लेखन शलk
- Ĥèतfु तमɅ नयापन, वतम
ान से जुड़ाव तथा दस
रɉ से fभǎनता
- fव¾ापन मɅ आव9यकतानस
ार नार
का उपयोग
(èलोगन)
- fव¾ापनलखन मɅ बॉRस, fचğ अथवा रगं का उपयोग अfनवाय[ नहkं ह,ै fकं तु समय होने पर
Ĥèतfु त को Ĥभावी बनाने के fलए इनका उपयोग fकया जा सकता है।
िचğ-वणन
(fचğ मɅ fदखाई दे रहे 79य /घटना को कǐपनाशिRत से अपने शÞदɉ मɅ fलखना)
- पǐरवेश कȧ समझ
- सूāम fववरणɉ पर Úयान
- 79यानुकूल भाषा
- Đमबदधता और तारतdयता
- Ĥभावशालk अfभåयिRत
सवाद लेखन
(दȣ गई पGरिèथितयɉ के आधार पर सवाद लेखन)
- सीमा के भीतर एक दस
रे से जुड़े साथक
और उददे9यपण
[ सवाद
- पाğɉ के अनकूल भाषा शलk
- कोçठक मɅ वRता के हाव
भाव का सक
े त-
- सव
ाद लेखन के अत
तक fवषय मद
दे/पर वाता[ परk
सचना लेखन
(औपचाGरक शल
ȣ मɅ ūयावहाGरक जीवन से सब
िं धत fवषयɉ पर आधाGरत सच
ना लेखन)
- सरल एवं बोधगdय भाषा
- fवषय कȧ èपçटता
- fवषय से जड़ु ी सपण[ जानकारȣ
- औपचाǐरक िशçटाचार का िनवा[ह
ई-मेल लेखन
(fवfवध fवषयɉ पर आधाGरत औपचाGरक ई-मेल लेखन)
- सरल, fशçट व बोधगdय भाषा
- fवषय से संबदधता
- संf¢Üत कलेवर, fकंतु fवषयगत संपणू [ जानकारk
- åयावहाǐरक/काया[लयी fशçटाचार व औपचाǐरकताओं का fनवा[ह
लघकथा लेखन
(Ǒदए गए fवषय/शीषक
- fनरंतरता
- कथा×मकता
आǑद के आधार पर रचना×मक सोच के साथ लघक
था लेखन(
- Ĥभावी सव
ाद/पाğानक
ू ल सवाद
- रचना×मकताकǐपनाशिRत का उपयोग/
- िज¾ासा रोचकता/
क¢ा 9वीं Ǒहदȣ ‘ब’ (कोड सं. 085) –परȣ¢ाओं हते ु पा6यĐम fविनदˇशन 2032-24
- Ĥ9नपğ दो खंडɉ, खंड ‘अ’ और ‘ब’ मɅ fवभÈत होगा।
- खंड ‘अ’ मɅ 45 वèतप हɉगे।
रक Ĥ9न पछ
े जाएग
े, िजनमɅ से के वल 40 Ĥ9नɉ के हȣ उƣर देने
- खंड ‘ब’ मɅ वणन
ा×मक Ĥ9न पछ
े जाए
े। Ĥ9नɉ मɅ उिचत आत
Gरक fवकsप Ǒदए जाएँगे।
- भारांक-{80(वाfषक
परȣ¢ा)+ 20 (आत
Gरक परȣ¢ा)
िनधा[Gरत समय- 3 घटे भारांक-80
परȣ¢ा भार fवभाजन | |||
fवषयवèतु | भार | ||
खंड अ (वèतपु रक Ĥ9न) | 40 | ||
1 | अपǑठत गदयांश | 10 | |
अ | दो अपfठत गदयांश (लगभग 200 शÞदɉ के ) fबना fकसी fवकǐप के
(1×5=5)+(1×5=5) (दोनɉ गदयांशɉ मɅ एक अकं ȧय पाचँ -पाचँ Ĥ9न पछू े जाएँगे) |
10 | |
2 | ūयावहाGरक ūयाकरण के आधार पर बहुfवकsपा×मक Ĥ9न (1 अकं x16 Ĥ9न)
कु ल Ĥ9नɉ के उƣर देने हɉगे 16 िजनमɅ से के वल ,Ĥ9न पछू े जाएँगे 21। |
16 | |
i | शÞद और पद (2 अकं ) (fबना fकसी fवकǐप के ) (2 मɅ से 2 Ĥ9न) | 02 | |
ii | अनèु वार (1 अकं ), अननु ाfसक (1 अकं ) (3 मɅ से 2 Ĥ9न) | 02 | |
iii | उपसग[ (2 अकं ), Ĥ×यय (2 अकं ) (5 मɅ से 4 Ĥ9न) | 04 | |
iv | èवर सfं ध (3 अकं ) (4 मɅ से 3 Ĥ9न) | 03 | |
v | fवराम-fच5न (3 अकं ) (4 मɅ से 3 Ĥ9न) | 03 | |
vi | अथ[ कȧ 7िçट से वाRय भेद (2 अकं ) (3 मɅ से 2 Ĥ9न) | 02 | |
3 | पा6यपèु तक èपश,[ भाग–1 | 14 | |
काūय खंड | 07 | ||
पfठत पदयांश पर एक अकं ȧय पाँच बहुfवकǐपी Ĥ9न। (1×5) | 05 | ||
èपश[ (भाग–1) से fनधाǐ[ रत कfवताओं के आधार पर एक अकं ȧय दो बहुfवकǐपी Ĥ9न पछू े | 02 | ||
जाएगँ े। (1×2) | |||
गदय खंड | 07 | ||
पfठत गदयांश पर एक अकं ȧय पाचँ बहुfवकǐपी Ĥ9न। (1×5) | 05 | ||
èपश[ (भाग–1) से fनधाǐ[ रत गदय पाठɉ के आधार पर fवदयाfथय[ ɉ कȧ उǔच fचतं न ¢मताओं एवं | 02 | ||
अfभåयिRत का आकलन करने हेतु एक अकं ȧय दो बहुfवकǐपी Ĥ9न पछू े जाएँगे। (1×2) |
खंड – ब (वणन[ ा×मक Ĥ9न) | 40 | |||
4 | पा6यपèु तक èपश,[ भाग–1 | 12 | ||
1 |
èपश[ (गदय खंड) से fनधा[ǐरत पाठɉ के आधार पर तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएँगे।
(3 अकं x 2 Ĥ9न) (लगभग 60 शÞद) |
06 | ||
2 | èपश[ (काåय खंड) से fनधा[ǐरत पाठɉ के आधार पर तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएगँ े।
(3 अकं x 2 Ĥ9न) (लगभग 60 शÞद) |
06 | ||
परू क पा6यपèु तक सचं यन भाग – 1 | 06 | |||
परू क पाɫयपèु तक सचं यन के fनधाǐ[ रत पाठɉ से तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएगँ े, िजनका उƣर लगभग 60 शÞदɉ मɅ देना होगा। (3 अकं x 2 Ĥ9न) | 06 | |||
5 | लेखन | 22 | ||
i | सकं े त fबदं ओु ं पर आधाǐरत समसामfयक एवं åयावहाǐरक जीवन से जुड़े हुए fकǎहkं तीन fवषयɉ मɅ से fकसी एक fवषय पर लगभग 120 शÞदɉ मɅ अनǔु छे द लेखन।
(6 अकं x1 Ĥ9न) (fवकǐप सfहत) |
06 | ||
ii | अfभåयिRत कȧ ¢मता पर कɅ f5त åयावहाǐरक fवषयɉ मɅ से fकसी एक fवषय पर लगभग
120 शÞदɉ मɅ अनौपचाǐरक पğ। (6 अकं x 1 Ĥ9न) |
06 | ||
iii | fचğ वणन[ – fचğ मɅ fदखाई दे रहे 79य /घटना का कǐपनाशिRत से लगभग 100 शÞदɉ मɅ
वणन[ । (fवचारɉ का वणन[ èपçट Ǿप से fचğ से हk सबं दध होना चाfहए) (fबना fकसी fवकǐप के ) |
05 | ||
iv | दk गई पǐरिèथfतयɉ के आधार पर सवं ाद लेखन। (लगभग 100 शÞदɉ मɅ)
(fवकǐप सfहत) |
05 | ||
कु ल | 80 | |||
आतं Gरक मsू यांकन | अकं | 20 | ||
अ | सामियक आकलन | 5 | ||
ब | बहुfवध आकलन | 5 | ||
स | पोट[फ़ोिलयो | 5 | ||
द | Įवण एवं वाचन | 5 | ||
कु ल | 100 |
िनधा[Gरत पèतकɅ :
- 1. èपश,
भाग–1, एन.सी.ई.आर.टk., नई fदǐलk दवारा Ĥकाfशत नवीनतम सè
करण
- 2. सच
यन, भाग–1, एन.सी.ई. आर.टk., नई fदǐलk दवारा Ĥकाfशत नवीनतम सè
करण
v नोट : िनdनिलिखत पाठɉ से Ĥ9न नहȣं पछे जाएँग-े
èपश([ भाग –1) | · धम[ कȧ आड़ (परू ा पाठ)
· आदमीनामा (परू ा पाठ) · एक फू ल कȧ चाह (परू ा पाठ) |
सचं यन(भाग-1) | · हाfमद खाँ (परू ा पाठ)
· fदये जल उठे (परू ा पाठ) |
क¢ा 10वीं Ǒहदȣ ‘ब’ परȣ¢ा हेतु पा6यĐम fविनदˇशन-2023-2024
- Ĥ9न–पğ दो खंडɉ – खंड ‘अ’ और ‘ब’ का होगा।
· खंड ‘अ’ मɅ 45 वèतुपरक Ĥ9न पूछे जाएँगे, िजनमɅ से के वल 40 Ĥ9नɉ के हȣ उƣर देने हɉगे।
- खंड ‘ब’ मɅ वणना×मक Ĥ9न पछू े जाए
े। Ĥ9नɉ मɅ उिचत आंतGरक fवकsप Ǒदए
जाएँगे। भारांक–{80(वाfषक
िनधा[Gरत समय
परȣ¢ा)+ 20 (आंतGरक परȣ¢ा)
घंट 3 -भारांक-80
परȣ¢ा भार fवभाजन | |||
fवषयवèतु | भार | ||
खंड अ (वèतपु रक Ĥ9न) | 40 | ||
1 | अपǑठत गदयांश | 10 | |
अ | दो अपfठत गदयांश (लगभग 200 शÞदɉ के ) fबना fकसी fवकǐप के
(1×5=5)+(1×5=5) (दोनɉ गदयांशɉ मɅ एक अकं ȧय पाचँ -पाँच Ĥ9न पछू े जाएगँ े) |
10 | |
2 | ūयावहाGरक ūयाकरण के आधार पर बहुfवकsपा×मक Ĥ9न (1 अकं x16 Ĥ9न)
कु ल 21 Ĥ9न पछू े जाएँगे, िजनमɅ से के वल 16 Ĥ9नɉ के उƣर देने हɉगे। |
16 | |
1 | पदबधं (5 मɅ से 4 Ĥ9न) | 04 | |
2 | रचना के आधार पर वाRय Ǿपांतरण (5 मɅ से 4 Ĥ9न) | 04 | |
3 | समास (5 मɅ से 4 Ĥ9न) | 04 | |
4 | महु ावरे (6 मɅ से 4 Ĥ9न) | 04 | |
3 | पा6यपèु तक èपश[ भाग – 2 | 14 | |
काūय खंड | 07 | ||
पfठत पदयांश पर एक अकं ȧय पाचँ बहुfवकǐपी Ĥ9न। (1×5)
èपश[ (भाग–2) से fनधा[ǐरत कfवताओं के आधार पर एक अकं ȧय दो बहुfवकǐपी Ĥ9न पछू े जाएँगे। (1×2) |
5
2 |
||
गदय खंड | 7 | ||
पfठत गदयांश पर एक अकं ȧय पाचँ बहुfवकǐपी Ĥ9न। (1×5)
èपश[ (भाग – 2) से fनधा[ǐरत गदय पाठɉ के आधार पर fवदयाfथय[ ɉ कȧ उǔच fचतं न ¢मताओं एवं अfभåयिRत का आकलन करने हेतु एक अकं ȧय दो बहुfवकǐपी Ĥ9न पछू े जाएँगे। (1×2) |
5
2 |
||
खंड – ब (वणन[ ा×मक Ĥ9न) | 40 | ||
4 | पा6यपèु तक èपश[ भाग – 2 | 12 | |
1 |
èपश[ (गदय खंड)से fनधाǐ[ रत पाठɉ के आधार पर तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएँगे। (3 अकं x 2 Ĥ9न) (लगभग 60 शÞद) | 06 |
2 | èपश[ (काåय खंड) से fनधा[ǐरत पाठɉ के आधार पर तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएगँ े।
(3 अकं x 2 Ĥ9न) (लगभग 60 शÞद) |
06 | ||
परू क पा6यपèु तक सचं यन भाग – 2 | 06 | |||
परू क पाɫयपèु तक सचं यन के fनधा[ǐरत पाठɉ से तीन मɅ से दो Ĥ9न पछू े जाएँगे, िजनका उƣर लगभग 60 शÞदɉ मɅ देना होगा। (3 अकं x 2 Ĥ9न) | 06 | |||
5 | लेखन | 22 | ||
i | सकं े त fबदं ओु ं पर आधाǐरत समसामfयक एवं åयावहाǐरक जीवन से जुड़े हुए fकǎहkं तीन fवषयɉ मɅ से fकसी एक fवषय पर लगभग 100 शÞदɉ मɅ अनǔु छे द लेखन।
(5 अकं x1 Ĥ9न) (fवकǐप सfहत) |
05 | ||
ii | अfभåयिRत कȧ ¢मता पर कɅ f5त औपचाǐरक fवषयɉ मɅ से fकसी एक fवषय पर लगभग
100 शÞदɉ मɅ पğ। (5 अकं x 1 Ĥ9न) |
05 | ||
iii | åयावहाǐरक जीवन से सबं fं धत fवषयɉ पर आधाǐरत लगभग 80 शÞदɉ मɅ सचू ना लेखन।
(4 अकं x1 Ĥ9न) (fवकǐप सfहत) |
04 | ||
iv | fवषय से सबं fं धत लगभग 60 शÞदɉ के अतं गत[ fव¾ापन लेखन। (3 अकं x1 Ĥ9न)
(fवकǐप सfहत) |
03 | ||
v | Ǒदए गए fवषय/शीषक[ आǑद के आधार पर रचना×मक सोच के साथ लगभग 100 शÞदɉ मɅ लघकु था लेखन। (5 अकं x1 Ĥ9न)
अथवा fवfवध fवषयɉ पर आधाǐरत लगभग 100 शÞदɉ मɅ औपचाǐरक ई-मेल लेखन |
05 | ||
कु ल | 80 | |||
आतं Gरक मsू यांकन | अकं | 20 | ||
अ | सामियक आकलन | 5 | ||
ब | बहुfवध आकलन | 5 | ||
स | पोट[फ़ोिलयो | 5 | ||
द | Įवण एवं वाचन | 5 | ||
कु ल | 100 |
िनधा[Gरत पèतकɅ :
- 1. èपश,
भाग–2, एन.सी.ई.आर.टk., नई fदǐलk दवारा Ĥकाfशत नवीनतम सè
करण
- 2. सच
यन, भाग–2, एन.सी.ई.आर.टk., नई fदǐलk दवारा Ĥकाfशत नवीनतम सè
करण
vनोट : िनdनिलिखत पाठɉ से Ĥ9न नहȣं पछे जाएगेँ ।
CBSE Class 10 Syllabus
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. How to prepare for the CBSE Class 10 English exam?
To prepare for the Class 10 CBSE exam, students need to study the entire syllabus thoroughly in order to get an idea of the exam pattern and important topics which carry maximum weightage. Along with the syllabus, they can practise CBSE extra questions from the website of Extramarks to enhance and ace their preparation.
2. How can I master the grammar for Class 10 CBSE English?
Grammar is the key to any language. To get better at it, one needs to focus on all the basic topics which form the base of the language, like, prepositions, tenses, modal verbs, articles, clauses etc. To master grammar, one needs to practice it incessantly.
3. I already know English, why do I need to study English for the class 10 CBSE board in such detail?
Knowing a language and preparing for an exam are two very different things. So if you know the language it might be easy to understand it but it will take a good amount of effort to gain a deeper understanding of the course curriculum.
4. What is the need for the Syllabus for the CBSE Class 10, English?
English is the core subject for the Class 10 CBSE exam. The syllabus offers a preview of the chapters and the topics of which the students need to have a thorough understanding. It is the beginning of a journey of strategic preparation for the subject. Discussing the syllabus will help students understand the course easily. It specifies the grading and time limit for each section as well. It gives the details of how many marks are decided for each unit. So, students can plan accordingly to study the subject areas that are more important.
5. Where can I find the complete syllabus for the CBSE Class 10, English for the year 2023 – 2024?
For a complete syllabus for CBSE Class 10 2023-24, a student can always visit the website of Extramarks.